सहारनपुर। ठाकुर विक्रम सिंह ऐसे संयासी है जो गृहस्थ हैं। इसी 19
सितम्बर को वह 76 वर्ष के हो गये हैं। उनका आधे से ज्यादा जीवन खुद को
आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की शिक्षा और संस्कार के
अनुरुप ख्ुाद को ढालने और लोगों को इस ओर प्रेरित करने में बीता है।
ठाकुर विक्रम सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना पट्टी में
मुजफ्फरनगर जनपद के खेड़ी राजपुताना निवासी बड़े जमीदार और सम्पंन किसान
एवं प्रखर आर्य समाजी ठाकुर रणवीर सिंह के यहां 19 सितंबर 1943 को जन्म
लिया था। उनको अपनी माता शरबती देवी और पिता रणवीर सिंह से आर्य समाजी
संस्कार मिले। उनके दादा लटूर सिंह ने मेरठ में स्वामी दयानंद सरस्वती से
भेंटकर जीवन पर्यंत उनकी शिक्षाओं पर चलने का दृढ़ संकल्प लिया था। इस
परिवार पर स्वामी दयानंद सरस्वती के प्रेरित जीवन और शिक्षाओं का ऐसा
प्रभाव पड़ा जो लटूर सिंह की चौथी पीढ़ी के सदस्यों को भी उसी सद्मार्ग पर
चलने को प्रेरित कर रहा है। विक्रम सिंह ने रामचंद्र देहलवी से वैदिक
शिक्षा और आर्य ग्रन्थों का 1963 में ज्ञान प्राप्त किया और उसी वर्ष वह
गाजियाबाद के संयास आश्रम में प्रचारक बन गए। हालांकि उनका 1960 में
संतोष देवी के साथ विवाह हुआ था। वर्ष 1965 तक वह प्रचारक का कार्य करते
रहे। वर्ष 1965 में उनकी दूसरी शादी शकुतंला देवी से हुई। उसके बाद भी वह
1971 तक देश के विभिन्न प्रांतों में आर्य समाज प्रचारक के तौर पर स्वामी
दयानन्द सरस्वती की शिक्षाओं को आम जन के बीच फैलानें में सक्रिय रहे। नई
दिल्ली में उन्होंने अगले 5 वर्षों तक प्रचारक का दायित्व निभाया।
उन्होंने अपने जीवन के पचास वर्ष पूर्ण होनंे पर वर्ष 1993 में वानप्रस्थ
ले लिया। वर्ष 2003 मे उनके सुयोग्य पुत्रों कुंवर प्राज्ञ आर्य, राहुल
आर्य, इंद्रवीर आर्य और अन्तर्राष्ट्रीय योग एवं ध्यान गुरु डा. वरुण वीर
ने नई दिल्ली के डिफेन्स कालोनी में आर्यन आर्ट गैलरी की स्थापना की।
ठाकुर विक्रम सिंह मानते हैं कि समाज में सुधार और बदलाव राजधर्म से आते हैं।
इसलिए उन्होंने वर्ष 2011 में राजनीतिक दल राष्ट्र निर्माण पार्टी
का गठन किया। इस पार्टी का एजेण्डा दयानन्द सरस्वती के देखे गए सपने और
शिक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने अपनी अलग पार्टी होने
के बावजूद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश
विधान सभा चुनावों में भाजपा और उसके नेता नरेद्र मोदी का समर्थन किया।
ठाकुर विक्रम सिंह केद्रं सरकार के क्रियाकलापों से संतुष्ट नही हैं।
इसके बावजूद उन्होंने हाल ही मेें जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटानें
पर प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी का समर्थन किया। वह और उनकी पार्टी
जनसंख्या नीति बनाए जानें,जातीय आरश्रण समाप्त करने की प्रबल समर्थक है।
ठाकुर विक्रम सिंह कट्टर आर्य समाजी होने के साथ साथ कट्टर हिंदूवादी और
उतने ही बड़े देशभक्त और दानवीर हैं। वह पिछले कई वर्षों से अपने जन्म दिन
समारोह के मौके पर देश भर के गुरुकुलों में शिक्षारत जरुरतमंद छात्र एवं
छात्राओं और आचार्यों को भरपूर आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं। इस बार
उनका जन्मदिन समारोह नई दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में 27 सितम्बर
2019 को बड़े स्तर पर मनाया जाएगा। इसमें देश भर से प्रमुख आर्य
समाजी,शिक्षाविद एवं विद्धान भाग लेंगे।
ठाकुर विक्रम सिंह जन्मदिवस समारोह समिति के डा. आनन्द कुमार पूर्व
डीआईजी एवं पूर्व न्यायाधीश एसएनगुप्ता ने बताया गया कि इस बार आर्य रत्न
ठाकुर विक्रम सिंह के जन्मदिन पर आर्य सनातन रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया
जा रहा है। जिसमें विद्वान यति नरसिंहानंद सरस्वती, डा वागीश आचार्य,
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, सुदर्शन न्यूज के चैयरमैन सुरेश चव्हाण एवं डा.
कल्पना आर्य और डा. सारस्वत मोहन मनीषी विभिन्न ज्वलंत विषयों पर विचार
व्यक्त करेंगे। इस सम्मेलन में विद्वानों के लिए जो विषय रखे गए हैं
उनमें मुस्लिम तुष्टिकरण एवं भारतीय राजनीति, जनसंख्या नियंत्रण की
ढुलमुल नीति, भारत के इस्लामीकरण के प्रयास, धर्मनिरपेक्षता के दोहरे
मापदंड, काव्य उद्बोधन, आदिवासियों का ईसाईकरण मुख्य रुप से शामिल हैं।
आयोजन के संयोजक डा. धर्मेद्र कुमार और अध्यक्ष स्वामी प्रणवानंद सरस्वती
हैं।